FAQ’s

प्रश्न आयुर्वेद में किस प्रकार बन्ध्या महिलाओं का वर्णन मिलता है ?
  • आदि बन्ध्या (प्रजनन अंगों का आभाव ) Absence of reproductive organs
  • दोषज (त्रिदोष से पैदा हुए रोगों के कारण ) Causes of diseases born out of Tridosha  Vata,Pita and kaph
  • भूतज दोष (किसी आत्मिक के कारण ) Because of something spiritual
  •  दैवज दोष (किस्मत के कारण ) Buy Luck
  • व्यभचार के कारण (छोटी आयु से अत्यंत सम्भोग की आदत के कारण ) Due to habit of promiscuous sex from young age
  • गर्भस्रावी (गर्भ तो ठहर जाना पर सिरे न चढ़ना ) Expecting but not completed
  • मृतवत्सा (मरे हुए बच्चे पैदा होना )Stillbirth
  • काक बन्ध्या ( एक संतान के बाद फिर गर्भ न ठहरना ) Infertility after one child
गर्भधारण नहीं होने के कारण ?
  1. ऋतुस्राव का आर्तव शुद्ध नहीं होना (Ovulation Disorders)
  2. ऋतुकाल अनिमियत होना (Menstrual disorders)
  3. बीज वाहिनी नलिका स्रावों का अवरोध (Fallopian Tube Blockage)
  4. योनि मुख छोटा होना ( cervical stenosis ,narrowing)
  5. गर्भाशय का स्थानच्युत होना
  6. योनि में पूयजन्य संक्रमण रोग होना ( Pelvic Inflammatory Disease ,PID)
  7. अल्प वय में मधुमेह होना (Diabetes)
  8. अतीवृड रक्तचाप (High blood pressure)
  9. मानसिक संताप या ज्यादा चिंता होना (Stress)
  10. पुरुष का शुक्र संतानोत्पादक सूक्ष्म जीवाणुओं से रहित होना या अल्पजीवी होना (Sperm Disorders)
  11. गर्भाशय ग्रीवा पर छोटी गांठ का होना (PCOD and PCOS)
  12. पुरुष समागम सम्भोग में मानशिक तृप्ति नहीं होना (Psychological Problems)
आयुर्वद में 9 प्रकार की बन्ध्या का वर्णन पाया जाता है
  • आदिबंध्या
  • रक्तज बन्ध्या
  • वात बन्ध्या
  • पित्तज बन्ध्या
  • कफज बन्ध्या
  • त्रिदोष बन्ध्या
  • गृह दोष
  • दैव बल
  • गुरुजन आदि पूज्य के व्यक्तिक्रम आदि के कारण  
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